पिछले हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा झटका तब लगा जब गूगल ने अपने प्ले स्टोर से कई भारतीय ऐप्स को हटा दिया। इनमें Shaadi.com, naukri.com, 99acres.com जैसी बड़ी कंपनियों के ऐप्स शामिल थे। लेकिन सरकार के सख्त रुख और भारी आलोचना के बाद गूगल को झुकना पड़ा और उसने शनिवार को हटाए गए सभी ऐप्स को वापस लिस्ट कर दिया।
Google play store से हटाई गई थी 10 Apps
यह घटनाक्रम उस वक्त शुरू हुआ जब गूगल ने उन 10 डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना की घोषणा की थी जिन्होंने ऐप स्टोर की भुगतान नीतियों का पालन करने से इनकार कर दिया था। गूगल का कहना था कि ये डेवलपर उसके प्ले स्टोर की नीतियों का उल्लंघन कर रहे थे जिनमें से एक भुगतान प्रणाली भी है। हालांकि सरकार और स्टार्टअप्स का कहना था कि गूगल भारतीय कंपनियों के साथ भेदभाव कर रहा है और उसे भारतीय नियमों का पालन करना चाहिए।
भारत सरकार ने अपनाया कड़ा रुख
इस मामले को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया। आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय ऐप्स को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है. हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है। वैष्णव ने आगे कहा कि हमें अपने युवाओं और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें विदेशी कंपनियों की नीतियों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए।
IAMAI ने भी की आलोचना
सरकार के सख्त रुख के अलावा इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने भी गूगल की कार्रवाई की आलोचना की थी। IAMAI ने गूगल से हटाए गए ऐप्स को फिर से बहाल करने की मांग की थी।
Google play store पर फिर से लिस्ट की गई Indian Aaps
इस पूरे विवाद के बाद गूगल को झुकना पड़ा और उसने हटाए गए ऐप्स को फिर से बहाल कर दिया। गूगल के इस कदम का भारतीय स्टार्टअप्स और सरकार ने स्वागत किया है। हालांकि यह भी देखना होगा कि गूगल और ऐप डेवलपर्स के बीच भुगतान प्रणाली को लेकर चल रहे विवाद का क्या समाधान निकलता है।
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यह घटनाक्रम कुछ महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है। पहला ये कि बड़ी टेक कंपनियों का भारतीय बाजार पर दबदबा और उनके मनमाने फैसले। दूसरा, भारतीय स्टार्टअप्स की सुरक्षा और स्वतंत्रता।
सरकार का यह हस्तक्षेप भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह इस बात का भी संकेत देता है कि सरकार स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। दीर्घकालिक समाधान के लिए सरकार और स्टार्टअप्स को मिलकर गूगल जैसी कंपनियों के साथ बातचीत करनी होगी ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में ना दोहराई जाएं।