Ola Solo: ओला का खुद चलने वाला स्कूटर? या है कोई और चक्कर?

Ola Solo Scooter: आपने देखा होगा, 1 अप्रैल को कई कंपनियां अपने ग्राहकों को मज़ाकिया ऑफर देकर या फनी वीडियो बनाकर एंटरटेन करती हैं. इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ. मगर ओला इलेक्ट्रिक ने इस बार कुछ हटकर किया. कंपनी के सीईओ भविष अग्रवाल ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने एक नए स्कूटर ‘ओला सोलो ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिक स्कूटर’ के बारे में बताया.

वीडियो में भविष अग्रवाल ने दावा किया कि ये स्कूटर खुद-ब-खुद चलेगा. यानी इसे चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं होगी. जाहिर सी बात है, इसे सुनकर ज्यादातर लोगों को लगा कि ये अप्रैल फूल का मजाक है. लेकिन, कहानी यहीं खत्म नहीं होती. अगले ही दिन भविष अग्रवाल ने एक और वीडियो पोस्ट कर सबको चौंका दिया. उन्होंने कहा कि ये कोई मजाक नहीं है, बल्कि भविष्य की टेक्नोलॉजी की एक झलक है.

तो क्या वाकई ओला ने ऐसा स्कूटर बना लिया है? आइए इस पूरे मामले को थोड़ा और गहराई से समझते हैं.

क्या है ये ओला सोलो?

भविष अग्रवाल के वीडियो के मुताबिक, ओला सोलो एक पूरी तरह से खुद चलने वाला इलेक्ट्रिक स्कूटर है. ये स्कूटर सड़क पर ट्रैफिक को समझते हुए खुद ही रास्ता बना सकता है और अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है. गौरतलब है कि अगर ये सच है, तो ये भारत का पहला ऐसा स्कूटर होगा.

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भविष अग्रवाल का दावा है कि ओला इलेक्ट्रिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की टीमों ने मिलकर इस सपने को साकार किया है.

लोगों की क्या राय है?

भविष अग्रवाल के वीडियो इंटरनेट पर आग की तरह वायरल हो गए. लोगों की इसमें काफी दिलचस्पी जगी. कुछ लोगों को लगा कि ये वाकई भविष्य की टेक्नोलॉजी है और अगर ये हकीकत में बन जाता है, तो ये इंडिया की इलेक्ट्रिक स्कूटर मार्केट में क्रांति ला देगा. वहीं, कुछ लोगों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना था कि ऐसी टेक्नोलॉजी अभी काफी दूर की कौड़ी है.

तो सच क्या है?

अगले दिन के वीडियो में भविष अग्रवाल ने खुलासा किया कि पहला वीडियो भले ही मनोरंजन के लिए बनाया गया था, लेकिन उसमें दिखाई गई टेक्नोलॉजी पूरी तरह से असली है. उनकी कंपनी की इंजीनियरिंग टीम कई सालों से इसपर काम कर रही है और उन्होंने इसका एक प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है.

हालांकि, फिलहाल ये सिर्फ एक शुरुआती मॉडल है. इसे असल सड़कों पर लाने के लिए अभी और रिसर्च और डेवलपमेंट की जरूरत पड़ेगी.

क्या ये वाकई भविष्य है?

भले ही फिलहाल ओला सोलो सड़कों पर दौड़ने को तैयार नहीं है, लेकिन ये इस बात का संकेत ज़रूर है कि आने वाले समय में वाहनों की दुनिया में काफी बदलाव आने वाले हैं. सेल्फ-ड्राइविंग कारों की बात तो पहले से ही चल रही है, लेकिन स्कूटरों के मामले में ये एक नया कदम है.

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ये टेक्नोलॉजी ट्रैफिक जाम को कम करने में काफी मददगार हो सकती है. साथ ही, ये बुजुर्गों या दिव्यांग लोगों के लिए भी काफी उपयोगी साबित हो सकती है.

हमें ये तो इंतजार करना होगा कि ओला कब तक इस टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से डेवलप कर लेती है और ओला सोलो सड़कों पर दौड़ना शुरू हो जाता है.

ओला का ये कदम कैसा रहा?

भले ही ओला सोलो अभी सिर्फ एक प्रोटोटाइप है, लेकिन इस वीडियो ने कंपनी को चर्चाओं में लाने का काम जरूर किया है. ये वीडियो दर्शाता है कि ओला इलेक्ट्रिक फ्यूचर टेक्नॉलॉजी पर फोकस कर रही है और इनोवेशन के मामले में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है.

हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि कंपनी को अभी बाजार में पहले से मौजूद इलेक्ट्रिक स्कूटरों की परेशानियों को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए. उनका कहना है कि अभी चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क बहुत कमजोर है और बैटरी लाइफ भी ज्यादा नहीं है. इन मुद्दों को सुलझाना ज्यादा जरूरी है.

कुल मिलाकर, ओला का ये कदम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक दिलचस्प कदम है. ये भविष्य में आने वाले बदलावों की एक झलक है. ये देखना होगा कि ओला इस टेक्नोलॉजी को कितनी जल्दी डेवलप कर पाती है और ये कितनी सफल होती है.

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