How to secure web browser |अपने वेब ब्राउज़र को ज्यादा से ज्यादा सिक्योर कैसे करें?

Secure web browser: आज के आधुनिक युग में हर किसी के पास मोबाइल फोन जरूर है और हर कोई इंटरनेट का उपयोग बड़ी सरलता से कर रहा है। जब भी हमें  इंटरनेट पर कुछ सर्च करना होता है तो हम सबसे पहले वेब ब्राउज़र को ओपन करते हैं।

वेब ब्राउज़र उस दरवाजे की तरह है जिसके माध्यम से हम घर बैठे बाहरी दुनिया को खगोल सकते हैं लेकिन बाहरी दुनिया के लिए आपका यह दरवाजा एकतरफा नहीं है।  इस दरवाजे के माध्यम से वायरस, मैलवेयर और कई सारी बिन बुलाई परेशानियां आपके कंप्यूटर तक पहुंच सकती हैं।

secure web browser

इसलिए यह जरूरी है कि आप जिस भी ब्राउज़र  का उपयोग करते हैं वह सुरक्षा के दृष्टिकोण से जितना संभव हो सके उतना सुरक्षित रख सकें। 

Browser Update रखना क्यूँ जरूरी है? 

आज के इस आधुनिक युग में बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे कि Google, Microsoft, Mozilla, Apple    इत्यादि सुरक्षा पर काफी ध्यान देती हैं। जैसे ही कोई सुरक्षा से संबंधित  कमजोरी का पता चलता है हम तोर पर वैसे ही यह  कंपनियां  अपडेट के माध्यम से सुरक्षा चक्र को बनाए रखने का प्रयास करते हैं।

यह कंपनियां पैच अपडेट के माध्यम  से ब्राउज़र को  सुरक्षित बनाए रखने का काम करती है। वेब ब्राउज़र की अपडेट की अनदेखी आप की सुरक्षा पर भारी हो सकती हैं इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से आपको अपने ब्राउज़र को सुरक्षित रखना चाहिए। 

कितना सिक्योर है आपका क्रोम ब्राउजर?

Google क्रोम वेब ब्राउजर में सेफ्टी के लिए Inbuilt Feature आता है जो कि आप को Settings में  Privacy and security टैब में मिलता है। 

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इस फीचर की सहायता से आप आपके ब्राउज़र पर गोपनीयता और सुरक्षा सेटिंग्स किए जांच कर सकते हैं।  इसमें आपको दो  ऑप्शन मिलते हैं। 

Privacy Guide: मैं आपकी गोपनीयता  की जांच के लिए होता है।   इसे आप Get Started पर क्लिक करके  चला सकते हैं। 

Safety check: यह आपकी सेफ्टी की जांच करता है।  इस ऑप्शन की सहायता से है पता लगाया जाता है कि आपका पासवर्ड कहीं किसी दूसरी वेबसाइट पढ़ ली तो नहीं हो गया है साथ ही साथ इस पिक्चर से यह भी पता चलता है कि आपके ब्राउज़र पर कोई unsafe extensions  तो इनस्टॉल नहीं है। 

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Some Tips on Safe Browsing

Always use HTTPS protocol website

अगर आप कोई वेबसाइट विजिट कर रहे हैं  और अगर वह सिक्योर है तो आपको ऊपर एड्रेस बार में लॉक  का साइन दिखेगा।  HTTPS एक प्रोटोकॉल है जिसे  एक सिक्योर सॉकेट्स लेयर (SSL) का उपयोग करके एन्क्रिप्ट किया  जाता है। 

इसका फायदा यह होता है कि वेबसाइट पर Pass होने वाला डाटा सुरक्षित रहता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप लोग भी वेबसाइट देखें में है SSL से सुरक्षित हैं।

Be careful what are you downloading

आमतौर पर इंटरनेट  इंटरनेट से हम  अलग-अलग वेबसाइट के द्वारा कई सारी फाइल्स को डाउनलोड करते रहते हैं।  लेकिन कहा जाता है कि ज्यादातर Virus या Malware डाउनलोडिंग के कारण ही  कंप्यूटर में प्रवेश करते है।

 डाउनलोडिंग के बिना शायद ही इंटरनेट पर हमारा काम चलता होगा। लेकिन जब भी आप किसी ऐप साइट से कोई एप्लिकेशन या अटैचमेंट को  डाउनलोड करें तो उसमें लापरवाही न करें। क्योंकि ऐसा करने से वायरस या मैलवेयर का खतरा बढ़ जाता है।   इससे बचने के लिए  यह सुनिश्चित करें कि जो फाइल एप्लीकेशन आप डाउनलोड कर रहे हैं वह किसी प्रतिष्ठित स्रोतों से ही डाउनलोड  हो रही है या नहीं।

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साथ ही, डाउनलोड की गई फ़ाइलों  को ओपन करने से पहले उन्हें वायरस के लिए स्कैन करें।

Enable two-factor authentication (2FA)

अगर आप डिजिटल अकाउंट्स का यूज करते हैं जैसे कि जीमेल या  फेसबुक तो आपको टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन  को जरूर इनेबल करना चाहिए।  इससे अकाउंट और ज्यादा सिक्योर हो जाता है।  टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का यूज़ करने के लिए आप गूगल ऑथेंटिकेशन या टीओटीपी जैसी सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं यह प्ले स्टोर और है प्ले स्टोर पर आपको फ्री में उपलब्ध है।

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