भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की ओर अहम कदम: Tata Group ताइवान की कंपनियों से मिलाएगा हाथ 

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Tata Group: आजकल हर तरफ सेमीकंडक्टर की चर्चा हो रही है फिर चाहे वो मोबाइल हो, लैपटॉप हो या फिर कार हो, हर चीज में इसी चिप की जरूरत पड़ती है. मगर ये सेमीकंडक्टर बनता कहाँ है? इसका जवाब है ताइवान. जी हाँ, दुनियाभर में बनने वाले सेमीकंडक्टर का बड़ा हिस्सा ताइवान से ही आता है. लेकिन अब इस मामले में भारत भी पीछे नहीं रहना चाहता. हाल ही में टाटा समूह ने ऐलान किया है कि वो भारत में ही सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की योजना बना रहा है.

क्यों जरूरी है सेमीकंडक्टर का निर्माण?

सेमीकंडक्टर को चिप्स के नाम से भी जाना जाता है. ये चिप्स इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों का दिमाग होती हैं. इनके बिना कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस काम नहीं कर सकता. कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की कमी हो गई थी, जिसकी वजह से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के प्रोडक्शन में परेशानी आई थी. भारत भी इस कमी से अछूता नहीं रहा. यही वजह है कि अब भारत सरकार सेमीकंडक्टर के निर्माण को बढ़ावा दे रही है.

Tata Group किसे मिला रहा है साथ?

Tata Group इस महत्वाकांक्षी योजना में अकेला नहीं है. वो ताइवान की दो दिग्गज कंपनियों – पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन (पीएसएमसी) और यूएमसी समूह के साथ मिलकर काम करेगा. इन दोनों कंपनियों का सेमीकंडक्टर निर्माण में दशकों का अनुभव है और उनकी मदद से भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण की टेक्नोलॉजी हासिल करने में आसानी होगी.

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कहाँ बन सकता है ये प्लांट?

फिलहाल तो प्लांट बनाने की जगह को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि ये प्लांट गुजरात में बन सकता है. दरअसल, जनवरी में ही Tata Group के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने धोलेरा, गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की संभावना का जिक्र किया था. इसके अलावा अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी भी गुजरात के सनंद में अपना सेमीकंडक्टर असेम्बली प्लांट लगा रही है, जिसे टाटा प्रोजेक्ट्स ही बना रहा है.

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क्या हैं भारत सरकार के प्रयास?

भारत सरकार सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन दे रही है. इसमें कंपनियों को टैक्स में छूट, सब्सिडी और लोन देने जैसी चीजें शामिल हैं. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने भी सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों को वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है.

क्या इससे भारत बनेगा आत्मनिर्भर?

Tata Group समेत कई कंपनियों का भारत में सेमीकंडक्टर बनाने का प्रयास निश्चित रूप से भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ भारत को अपनी जरूरत के सेमीकंडक्टर खुद बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. हालांकि, ये एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें वक्त लगेगा. लेकिन उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में भारत सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा.

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